वैशाली/पटना।
प्राचीन भारत की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली वैशाली की धरती ने आज एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनते हुए अपने गौरवशाली अतीत को फिर से जीवंत कर दिया। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को यहां बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप का विधिवत उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने ‘अप्प दीपो भव’ का संदेश दोहराते हुए कहा कि यह स्मृति स्तूप बौद्ध आस्था का वैश्विक केंद्र बनेगा और बिहार को अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली, जहां भगवान बुद्ध ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए, आज फिर एक नए युग में प्रवेश कर रही है। यह स्थल न केवल बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए आस्था का केंद्र बनेगा बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्मृति स्तूप और संग्रहालय जैसे निर्माण राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर उप-मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी और श्री विजय कुमार सिन्हा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और मुख्यमंत्री की इस पहल की सराहना की। कार्यक्रम में मंत्रीगण श्री विजय कुमार चौधरी, श्री जयंत राज कुशवाहा, श्री मोतीलाल प्रसाद, स्थानीय विधायक श्री सिद्धार्थ पटेल, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा और जिला अध्यक्ष श्री सुभाष चंद्र सिंह समेत कई गणमान्य अतिथि शामिल रहे।
इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार अब अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संजोते हुए आत्मनिर्भरता और विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। बौद्ध पर्यटकों के लिए यह स्मृति स्तूप एक आकर्षण का केंद्र बनेगा और वैशाली पुनः अपनी आध्यात्मिक गरिमा के साथ उभरकर सामने आएगी।